Wednesday, 15 April 2020

हो नहीं सकता!!!...

बंदिश ए ह्यात में है के वो रो नहीं सकता,
उसे रास्तों ने बांधा है के अब वो खो नहीं सकता!

मंजिल दूर है काफी मगर रास्ता है शाइस्ता,
उसे ख्वाबों ने घेरा है के अब वो सो नहीं सकता!

मुख्तसर सी है जिंदगी, मौत है सफर लंबा,
हमसफ़र जिंदगी का हो, मौत का हो नहीं सकता!

मोहब्बत बात किस्सों की और ये हिज्र कथाओं सा,
अंत किस्सों का हो शायद, कथा का हो नहीं सकता!

बहुत लोगों के आगे लगी ये नुमाइश ए दिल,
जिसने भी इसका गम देखा वो खुश फिर हो नहीं सकता!

वो ज़ुल्फें और वो एक तिल यही हैं गवाह इसके,
मोहब्बत के गुनाह जैसा गुनाह भी हो नहीं सकता!

No comments:

Post a Comment