खट्टी मीठी सी यादों वाला,
ये साल था टूटे वादों वाला!
कुछ नया हुआ कुछ पुराना हुआ,
जानकार अपना आधा ज़माना हुआ!
कुछ दोस्त बने कुछ रकीब हुए,
कुछ लोग दिल के करीब हुए!
कोई अपना सा जो है से था हो गया,
कमी खलती है उसकी न जाने कहाँ खो गया!
बहुत कुछ खोया बहुत कुछ कमाया,
कितनो को छोड़कर कितनों को अपनाया!
रिश्ता कोई खास कोई आम कर दिया,
अंधेरों का, रोशनी का इन्तेजाम कर दिया!
नये चेहरे अब पहचानने लगा हूँ,
लोगों की फितरत जानने लगा हूँ!
हार जीत और खिताबों वाला रहा,
ये साल भी सवालों जवाबों वाला रहा!
बड़ी मुश्किलें आई मगर शाइस्ता रहे हम,
खुशियों से कई बार हुई आँखें ये नम!
जा रहा है ये कई यादें दे कर,
जिन्दगी भर की मुलाकातें दे कर!
कितने उपहार और झटकों से भरा था,
ये साल कितने ही रंगों से भरा था!
खैर जो भी था ये साल था खुशहाल,
सच में याद रहेगा ये बेमिसाल साल!
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