Pc- Apurva Sriwastav.
सुनो,
एक कहानी सुनाता हूँ!
ये मेरी कहानी नहीं है,
किसी राजा या रानी की भी नहीं है!
ये कहानी है एक बंजारन की,
उस लड़की की जो ख्वाबों के शहर से,
हहकीक़तों की बस्ती तक का सफर,
हर रोज़ तय करती है!
वो जो आसानी से शब्दों में डल जाती है,
सर्द रातों में भी वो पिघल जाती है!
इश्क मोहब्बत की बातें करती है,
पर किसी से इश्क करने से कतराती है!
बस यूँ ही वाला रिश्ता है मुझसे उसका,
बातें ही ज़रिया हैं उस तक का!
हज़ार गम छुपाकर कैसे मुस्कुराती है,
इन्शाअल्लाह! शायरी में सब बताती है!
सर्द रात में चलती हवा की सी है,
वो मोहब्बत में मिली वफा की सी है!
न जाने हम मिल पाएंगे या नही!
या यूं ही तुम एक बंजारन की तरह,
मेरे शहर से भी चली जाओगी,
बहुत दूर! किसी और ख्वाब के शहर में!
खैर सुनो,
एक कहानी सुनाता हूँ,
एक बंजारन की कहानी!
न जाने कब ये मिलन होगा,
जब भी होगा,
तो मिलेंगे धरती और आकाश,
बनेगा क्षितिज!
एक अनंत क्षितिज!!!...
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