खट्टी मीठी सी यादों वाला,
ये साल था टूटे वादों वाला!
कुछ नया हुआ कुछ पुराना हुआ,
जानकार अपना आधा ज़माना हुआ!
कुछ दोस्त बने कुछ रकीब हुए,
कुछ लोग दिल के करीब हुए!
कोई अपना सा जो है से था हो गया,
कमी खलती है उसकी न जाने कहाँ खो गया!
बहुत कुछ खोया बहुत कुछ कमाया,
कितनो को छोड़कर कितनों को अपनाया!
रिश्ता कोई खास कोई आम कर दिया,
अंधेरों का, रोशनी का इन्तेजाम कर दिया!
नये चेहरे अब पहचानने लगा हूँ,
लोगों की फितरत जानने लगा हूँ!
हार जीत और खिताबों वाला रहा,
ये साल भी सवालों जवाबों वाला रहा!
बड़ी मुश्किलें आई मगर शाइस्ता रहे हम,
खुशियों से कई बार हुई आँखें ये नम!
जा रहा है ये कई यादें दे कर,
जिन्दगी भर की मुलाकातें दे कर!
कितने उपहार और झटकों से भरा था,
ये साल कितने ही रंगों से भरा था!
खैर जो भी था ये साल था खुशहाल,
सच में याद रहेगा ये बेमिसाल साल!
Saturday, 28 December 2019
Thursday, 26 December 2019
एक कहानी...
Pc- Apurva Sriwastav.
सुनो,
एक कहानी सुनाता हूँ!
ये मेरी कहानी नहीं है,
किसी राजा या रानी की भी नहीं है!
ये कहानी है एक बंजारन की,
उस लड़की की जो ख्वाबों के शहर से,
हहकीक़तों की बस्ती तक का सफर,
हर रोज़ तय करती है!
वो जो आसानी से शब्दों में डल जाती है,
सर्द रातों में भी वो पिघल जाती है!
इश्क मोहब्बत की बातें करती है,
पर किसी से इश्क करने से कतराती है!
बस यूँ ही वाला रिश्ता है मुझसे उसका,
बातें ही ज़रिया हैं उस तक का!
हज़ार गम छुपाकर कैसे मुस्कुराती है,
इन्शाअल्लाह! शायरी में सब बताती है!
सर्द रात में चलती हवा की सी है,
वो मोहब्बत में मिली वफा की सी है!
न जाने हम मिल पाएंगे या नही!
या यूं ही तुम एक बंजारन की तरह,
मेरे शहर से भी चली जाओगी,
बहुत दूर! किसी और ख्वाब के शहर में!
खैर सुनो,
एक कहानी सुनाता हूँ,
एक बंजारन की कहानी!
न जाने कब ये मिलन होगा,
जब भी होगा,
तो मिलेंगे धरती और आकाश,
बनेगा क्षितिज!
एक अनंत क्षितिज!!!...
सुनो,
एक कहानी सुनाता हूँ!
ये मेरी कहानी नहीं है,
किसी राजा या रानी की भी नहीं है!
ये कहानी है एक बंजारन की,
उस लड़की की जो ख्वाबों के शहर से,
हहकीक़तों की बस्ती तक का सफर,
हर रोज़ तय करती है!
वो जो आसानी से शब्दों में डल जाती है,
सर्द रातों में भी वो पिघल जाती है!
इश्क मोहब्बत की बातें करती है,
पर किसी से इश्क करने से कतराती है!
बस यूँ ही वाला रिश्ता है मुझसे उसका,
बातें ही ज़रिया हैं उस तक का!
हज़ार गम छुपाकर कैसे मुस्कुराती है,
इन्शाअल्लाह! शायरी में सब बताती है!
सर्द रात में चलती हवा की सी है,
वो मोहब्बत में मिली वफा की सी है!
न जाने हम मिल पाएंगे या नही!
या यूं ही तुम एक बंजारन की तरह,
मेरे शहर से भी चली जाओगी,
बहुत दूर! किसी और ख्वाब के शहर में!
खैर सुनो,
एक कहानी सुनाता हूँ,
एक बंजारन की कहानी!
न जाने कब ये मिलन होगा,
जब भी होगा,
तो मिलेंगे धरती और आकाश,
बनेगा क्षितिज!
एक अनंत क्षितिज!!!...
Subscribe to:
Posts (Atom)
हो नहीं सकता!!!...
बंदिश ए ह्यात में है के वो रो नहीं सकता, उसे रास्तों ने बांधा है के अब वो खो नहीं सकता! मंजिल दूर है काफी मगर रास्ता है शाइस्ता, उसे ख्व...
-
कब तक किसी और के, नक्शे पलटता तू रहेगा? कब तक किसी और के पीछे, खुद को घसीटता तू रहेगा? खुद की राहों को बनाना, ऐ पथिक तू सीख ले!!!.....
-
मै एक बिन सुनि आवाज था; गूंजेगी ये विश्वास था । जो न हुआ वो आगाज था; होगा ये विश्वास था । सूर्य मेरा भी अस्त एक दिन हो जाएग...
-
मेरे हर गम मे, वो मेरे साथ होता था। जब सब छोड़ जाते, उसने थामा मेरा हाथ होता था। जब-जब समय ने मुझे तोड़ना चाहा, अकसर वो मुझे जोड़े ...
-
मै एक कवि! मै लिखता हूँ। कभी मै कुछ ख्वाब लिखता हूँ, कुछ तेरे कुछ अपने मै सपने लिखता हूँ। मै एक कवि! मै लिखता हूँ। कागज पर अनोखी दुनि...
-
उस दिन का इंतजार है, जब दिल दिल में हिन्दुस्तान होगा। उज्ज्वल होगा घर घर, रोशन हर बाग आंगन होगा। निरक्षरता का निशान न हो, ब...
-
खट्टी मीठी सी यादों वाला, ये साल था टूटे वादों वाला! कुछ नया हुआ कुछ पुराना हुआ, जानकार अपना आधा ज़माना हुआ! कुछ दोस्त बने कुछ रकीब हु...
-
मै दिल से दिल, को एक पैगाम हूं। मै दो रुहों के, बीच का प्यार हूं। मै कलाकार हूं! हां कलाकार हूं। मै हिमालय से ऊंची, एक चट्टान हूं। ...
-
हर सुबह एक ढलते सूरज कि तरह उठता है, वो लड़का बोरी में घर का बोझ लिए चलता है। उस कूड़े के ढेर में,अपनी किस्मत टटोलता है, चंद सिक्कों...
-
उठ ना! के फिर चलना हि तुझे, उदय हो! के गम को अस्त करना है तुझे। चल आ, आज कर्म कि कश्ती बांध ले, अपार जो था रह गया था, वह महासागर पार कर...
-
Pc- Apurva Sriwastav. सुनो, एक कहानी सुनाता हूँ! ये मेरी कहानी नहीं है, किसी राजा या रानी की भी नहीं है! य...