Wednesday, 15 April 2020

हो नहीं सकता!!!...

बंदिश ए ह्यात में है के वो रो नहीं सकता,
उसे रास्तों ने बांधा है के अब वो खो नहीं सकता!

मंजिल दूर है काफी मगर रास्ता है शाइस्ता,
उसे ख्वाबों ने घेरा है के अब वो सो नहीं सकता!

मुख्तसर सी है जिंदगी, मौत है सफर लंबा,
हमसफ़र जिंदगी का हो, मौत का हो नहीं सकता!

मोहब्बत बात किस्सों की और ये हिज्र कथाओं सा,
अंत किस्सों का हो शायद, कथा का हो नहीं सकता!

बहुत लोगों के आगे लगी ये नुमाइश ए दिल,
जिसने भी इसका गम देखा वो खुश फिर हो नहीं सकता!

वो ज़ुल्फें और वो एक तिल यही हैं गवाह इसके,
मोहब्बत के गुनाह जैसा गुनाह भी हो नहीं सकता!

Wednesday, 8 January 2020

We are no more 'us'!!!...


These dark nights and shining stars,
This bright moon with some scars,
Asking! You about me and me about you,
Let's tell them,
We are no more 'us'!

Let's tell them,
You have got a new beloved,
And me, I still love you,
And finding you in those memories,
Those photographs, phone calls and all.

Those witnesses of our love,
They are still waiting for us!

Let's tell them,
We are no more love birds,
We are no more 'us'!!!...
               
                     - Devesh Taneja.

Thursday, 2 January 2020

उचित उत्तर देना होगा!!!...

बहुत हुआ दुष्कर्म के अब,
ये वक्त नहीं के सहा जाए!

प्रतिशोध की इस ज्वाला में,
आओ उनको भस्म किया जाए!

बन कर फिर झांसी की रानी,
शत्रु का वध किया जाए!

या दुर्गा बन कर,
महिषासुर को खत्म किया जाए!

रूप प्रेम की देवी को,
अब रूप रूद्र लेना होगा!

इन मानव रूपी दरिंदों को,
उचित उत्तर देना होगा!

Saturday, 28 December 2019

अलविदा 2019

खट्टी मीठी सी यादों वाला,
ये साल था टूटे वादों वाला!

कुछ नया हुआ कुछ पुराना हुआ,
जानकार अपना आधा ज़माना हुआ!

कुछ दोस्त बने कुछ रकीब हुए,
कुछ लोग दिल के करीब हुए!

कोई अपना सा जो है से था हो गया,
कमी खलती है उसकी न जाने कहाँ खो गया!

बहुत कुछ खोया बहुत कुछ कमाया,
कितनो को छोड़कर कितनों को अपनाया!

रिश्ता कोई खास कोई आम कर दिया,
अंधेरों का, रोशनी का इन्तेजाम कर दिया!

नये चेहरे अब पहचानने लगा हूँ,
लोगों की फितरत जानने लगा हूँ!

हार जीत और खिताबों वाला रहा,
ये साल भी सवालों जवाबों वाला रहा!

बड़ी मुश्किलें आई मगर शाइस्ता रहे हम,
खुशियों से कई बार हुई आँखें ये नम!

जा रहा है ये कई यादें दे कर,
जिन्दगी भर की मुलाकातें दे कर!

कितने उपहार और झटकों से भरा था,
ये साल कितने ही रंगों से भरा था!

खैर जो भी था ये साल था खुशहाल,
सच में याद रहेगा ये बेमिसाल साल!

Thursday, 26 December 2019

एक कहानी...

                         Pc- Apurva Sriwastav.
सुनो,
एक कहानी सुनाता हूँ!
ये मेरी कहानी नहीं है,
किसी राजा या रानी की भी नहीं है!

ये कहानी है एक बंजारन की,
उस लड़की की जो ख्वाबों के शहर से,
हहकीक़तों की बस्ती तक का सफर,
हर रोज़ तय करती है!

वो जो आसानी से शब्दों में डल जाती है,
सर्द रातों में भी वो पिघल जाती है!

इश्क मोहब्बत की बातें करती है,
पर किसी से इश्क करने से कतराती है!

बस यूँ ही वाला रिश्ता है मुझसे उसका,
बातें ही ज़रिया हैं उस तक का!

हज़ार गम छुपाकर कैसे मुस्कुराती है,
इन्शाअल्लाह! शायरी में सब बताती है!

सर्द रात में चलती हवा की सी है,
वो मोहब्बत में मिली वफा की सी है!

न जाने हम मिल पाएंगे या नही!
या यूं ही तुम एक बंजारन की तरह,
मेरे शहर से भी चली जाओगी,
बहुत दूर! किसी और ख्वाब के शहर में!

खैर सुनो,
एक कहानी सुनाता हूँ,
एक बंजारन की कहानी!

न जाने कब ये मिलन होगा,
जब भी होगा,
तो मिलेंगे धरती और आकाश,
बनेगा क्षितिज!
एक अनंत क्षितिज!!!...

Sunday, 19 May 2019

मै एक कवि...

मै एक कवि! मै लिखता हूँ।
कभी मै कुछ ख्वाब लिखता हूँ,
कुछ तेरे कुछ अपने मै सपने लिखता हूँ।
मै एक कवि! मै लिखता हूँ।

कागज पर अनोखी दुनिया रचता हूँ,
कुछ झरने कुछ परबत कुछ राहें रचता हूँ।
जिसकी आस तुमको भी है, इंतजार मुझको भी है,
वो मंजिल लिखता हूँ।
मै एक कवि! मै लिखता हूँ।

खोफ को डराने को लिखता हूँ,
कुछ खत राजघराने को लिखता हूँ।
कुछ मेरे आदेश कुछ तेरे संदेश, 
इस दुनिया को लिखता हूँ।
मै एक कवि! मै लिखता हूँ।

हां! लाखों कवियों में, मै भी एक हूँ।
गम भुलाने को लिखे, मै वो नज्मकार हूँ।
कुछ प्रेमचंद सी कथाएँ, कुछ गालिब से शेर, 
कुछ अपनी और तेरी कल्पना लिखता हूँ।
मै एक कवि! मै लिखता हूँ।

मै एक कवि! मै लिखता हूँ!....





Thursday, 16 May 2019

उठ ना! के फिर चलना हि तुझे!!!...

उठ ना! के फिर चलना हि तुझे,
उदय हो! के गम को अस्त करना है तुझे।

चल आ, आज कर्म कि कश्ती बांध ले,
अपार जो था रह गया था,
वह महासागर पार करना है तुझे!
उठ ना! के फिर चलना हि तुझे!

एक अंगारा सा था जो शान्त हो रहा,
माना कि सुर्य नहीं है तूं,
पर मशाल सा रोशन होना है तुझे!
उठ ना! के फिर चलना हि तुझे!

अग्नि में जाकर स्वर्ण सा तपना है,
करना सच तूने अपना हर सपना है,
सबसे जीत कर सबको जीतना है तुझे! 
उठ ना! के फिर चलना हि तुझे!

माना के मंजिल दूर है,
अढचने भी भरपूर हैं,
हर गम को पार करना है तुझे! 
उठ ना! के फिर चलना हि तुझे!

उठ ना! के फिर चलना हि तुझे,
उदय हो! के गम को अस्त करना है तुझे!!!

हो नहीं सकता!!!...

बंदिश ए ह्यात में है के वो रो नहीं सकता, उसे रास्तों ने बांधा है के अब वो खो नहीं सकता! मंजिल दूर है काफी मगर रास्ता है शाइस्ता, उसे ख्व...